अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom - Vilom pranayam)

                              अनुलोम विलोम प्राणायाम 

अनुलोम विलोम प्राणायाम का अर्थ है सीधा और उल्टा 
एक नाशिका छिद्र से श्वास भरना और दूसरे नाशिका छिद्र से छोड़ना होता है इसलिए  इस इस आसन को अनुलोम विलोम कहते है | 


अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करे  :-

अनुलोम विलोम प्राणायाम की विधि :- 



सर्वप्रथम  खुली हवा में  सुखासन या पद्यमासन में बैठ जाये और आप का मेरुदंड ( रीढ़की हड्डी  सीधी हो अब प्राणायाम कैसे करना है  आपको  1 -2 -1  -1   सूत्र का पता होना जरुरी है  जैसे  आप को श्वास   भितर भरते समय  4  सेकेंड लगते है तो आपको २ गुना श्वास को रोकना है 8 सेंकंड और जब श्वास बाहर छोड़ते है तो 4 सेकेंड मैं छोड़ना है  4 सेकेंड रोकना है  ध्यान रहे की  केवल आप को श्वास २ गुना रोकना है | अब जो  स्वर खुला हो या जिस  स्वर से श्वास चलरहा हो उस स्वर से श्वास को 4 गिनने तक धीरे धीरे भीतर भरे और दूसरा स्वर अगुठे से बंद करले  8 काउंट करने तक  श्वास  भितर भर के रोके और दूसरे स्वर से या नाशिका छिद्र से  श्वास 4 गिनने तक छोड़े और 4 (काउंट) या गिनने  तक श्वास को  रोके इस क्रिया को 1 -2 -1-1 का सूत्र कहते है| इस प्रकार अनुलोम विलोम प्राणायाम के करे|  



अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ/फायदे  :-


 यह प्राणायाम सभी प्रकार के स्नायु दर्द को दूरकर्ता है (pain clear ) का काम करता है| 


त्रिदोष को सम करता है ( वात , पित्त और कफ )  


शरीर के तापमान को सम करने में लाभदायक


सभी प्रकार की अलर्जी को ठीक करता है 


श्वास की क्रिया दीर्घ होने से आयु लम्बी होती है 


मन के विचार कम होकर मन को शांति मिलती है 


ध्यान के लिए सहायक है 


फेफड़ो के छोटे छोटे छिद्र खुल जाते है और फेफडोंकी की कार्य क्षमता को बढ़ाता है | 


रक्त म ै ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है 


स्मरण शक्ति को बढ़ाता है 


सिरदर्द , जुखाम ,और साइनस  की समस्य को ठीक करता है 


शरीर की अनावश्यक चर्बी को काम करता है| 

पक्षाघात या लकवा (Paralysis) के रोगी के लिए अनुलोम विलोम प्राणयाम बहुत ही लाभदायक रहा है | 



 अनुलोम विलोम प्राणायाम की सावधानियाँ  :-


अनुलोम विलोम प्राणायाम खाना खाने के ३ घंटे बाद ही करे




 



   


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