मयूरासन(Mayurasan ) peacock pose
मयूरासन ये संस्कृत का शब्द है । हिंदी में मोर कहते है । मयूरासन एक कठिन आसन है । लेकीन कुछ समय अभ्यास के बाद सुलभ हो जाता है। हमारे योग ऋषियोंने विविध प्रकार के पशु -पक्षीयो के नाम पर आसनो के नाम दिए है। वे सब आसन के नाम संस्कृत भाषा के है । उसमे से एक है मयूर यानि मोर पक्षी जैसा शरीर का आकार बनाना होता है । मोर छोटे कीटक और साप को भी खाकर हजम करलेता है। मयूरासन विषैले तत्व को शरीर से बाहर निकालने में मदत करता है । मयूरासन करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है । और पेट के सबंधित सारे विकार ठीक हो जाते है । मयूरासन मधुमेह के रोगी के लिए भी लाभदायक है ।
मयूरासन कैसे करे ?
मयूरासन करनेकी विधि :
1 ) सर्वप्रथम चटाई या yoga mat बिछाकर घुटनों के बल बैठ जाये ।और घुटनोंके के बल बैठ जाये उसे वज्रासन कहते है ।
2 ) अपने हाथोंको को धरती पर रखे हाथ की उँगली की दिशा पैर की तरफ रखना है ।
3 ) अब श्वास भरते हुए दोनों पैर पीछे की और लेजाए दोनों हाथ की कोनी नाभिके दोनों बाजु में लगाये ।
4 ) सर को धरती पर लगाए और दोनों पैर धरती से ऊपर उठाये जब तक शरीर का संतुलन दोनों हाथों पर न बने तबतक सर को धरती पर लगाए और जब हाथोंपर शरीर का संतुलन आजाये तब सर को ऊपर उठाकर आगे देखे इस मुद्रा में यथा शक्ति जितना समय रह सकते है रहे ।
5) अब धीरे धीरे पैर धरती पर रखे और पूर्व स्तिथि वज्रासन में आये और आगे झुके और शशांक आसन करे ।
मयूरासन का अभ्यास 2 या 3 बार दोहराये और शुरू में ये आसन 3 से 5 सेकंड करे
मयूरासन के फायदे
1 ) पाचनतंत्र को क्रियाशील एवं मजबूत बनता है ।
2 ) जठर अग्नि को प्रदिप्त बनाकर भूख में वृद्धि होती है ।
3 ) चेहरे पर तेज और ओज की प्राप्ति होती है ।
4 ) पेट की मांस पेशी को मजबूत बनाता है ।
5 ) नियमित मयूरासन करने से हाथ की कलाई और भुजाओ को मजबूती प्रदान करता है ।
6 ) इस आसन को करते समय शरीर अतिरिक्त ऊर्जा खर्च होती है । इसलिए शरीर अतिरिक्त ऊर्जा के लिए वसा और रक्त ग्लूकोज का इस्तेमाल करता है । इस कारन से शरीर में मधुमेह को नियंत्रण करने में लाभदायक है ।
7 ) इस आसन को करते समय शरीर में रक्त का प्रवाह सिर की और आने से आँखो की रोशनी बढ़ती है ।
मयूरासन कैसे करे ?
मयूरासन करनेकी विधि :

2 ) अपने हाथोंको को धरती पर रखे हाथ की उँगली की दिशा पैर की तरफ रखना है ।
3 ) अब श्वास भरते हुए दोनों पैर पीछे की और लेजाए दोनों हाथ की कोनी नाभिके दोनों बाजु में लगाये ।
4 ) सर को धरती पर लगाए और दोनों पैर धरती से ऊपर उठाये जब तक शरीर का संतुलन दोनों हाथों पर न बने तबतक सर को धरती पर लगाए और जब हाथोंपर शरीर का संतुलन आजाये तब सर को ऊपर उठाकर आगे देखे इस मुद्रा में यथा शक्ति जितना समय रह सकते है रहे ।
5) अब धीरे धीरे पैर धरती पर रखे और पूर्व स्तिथि वज्रासन में आये और आगे झुके और शशांक आसन करे ।
मयूरासन का अभ्यास 2 या 3 बार दोहराये और शुरू में ये आसन 3 से 5 सेकंड करे
मयूरासन के फायदे
1 ) पाचनतंत्र को क्रियाशील एवं मजबूत बनता है ।
2 ) जठर अग्नि को प्रदिप्त बनाकर भूख में वृद्धि होती है ।
3 ) चेहरे पर तेज और ओज की प्राप्ति होती है ।
4 ) पेट की मांस पेशी को मजबूत बनाता है ।
5 ) नियमित मयूरासन करने से हाथ की कलाई और भुजाओ को मजबूती प्रदान करता है ।
6 ) इस आसन को करते समय शरीर अतिरिक्त ऊर्जा खर्च होती है । इसलिए शरीर अतिरिक्त ऊर्जा के लिए वसा और रक्त ग्लूकोज का इस्तेमाल करता है । इस कारन से शरीर में मधुमेह को नियंत्रण करने में लाभदायक है ।
7 ) इस आसन को करते समय शरीर में रक्त का प्रवाह सिर की और आने से आँखो की रोशनी बढ़ती है ।
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