मर्कटासन (Markatasan)

                           मर्कटासन 


मर्कटासन कमरदर्द के लिए बहोत ही प्रभावशाली आसन है | मर्कट को हिंदी में बंदर कहते है |
जिस प्रकार बंदर की कमर लचीली होती है |  और कभी कमर दर्द नहीं होती | ठीक ऐसे ही जो इस आसन का अभ्यास करेंगे उनकी कमरदर्द कभी नहीं होगी | मर्कटासन से तुरंत कमरदर्द में आराम मिलता है | 


मर्कटासन कैसे करे ?

मर्कटासन की विधी  :-



सर्वप्रथम आसन पर लेट जाये और दोनो पाँव धुटनेमे से मोडले और दोनों हाथ दोनो बाजु में कंधोके समान अंतर में फैलाये हाथीली ऊपर की ओर होना चाहिए | और गर्दन बाये side बाजु की कर मोड ले अब श्वास भरते हुये दोनों पाँव के घुटने दाहिनी side बाजु की और झुकाये ध्यान रहे की एड़ी पे एड़ी और घुटनो पे घुटने हो श्वास को 8 से 10 गिनने तक रोके और धीरे धीरे श्वास छोड़ते हुये दोनों पैर के घुटने ऊपर करले 

अब दुरी side से दोनों पैर के घुटनो को बाये side की और झुकाते हुये श्वास भीतर भरे और दोनों हाथ दोनों side मे कंधोके समान अंतर में फैलाये हुए गर्दन दाहिनी side की और मोडले श्वास को 8 से 10 गिनने तक रोके और धीरे धीरे श्वास छोड़ते हुए पाँव के घुटने सीधे ऊपर की ओर करले | 

 इस आसन का अभ्यास 3 से 4 बार करे 

मर्कटासन के लाभ /फायदे 
1) यह आसन कमरदर्द के लिए प्रभावशाली है और  ,स्लिपडिस्क, कब्ज में लाभदायक सिद्ध हुआ है | 
2)मेरुदंड को लचिला बनता है और मजबूती प्रदान करता है | 
3) मर्कटासन करते समय पेट की मालिश होती है | इस कारण पाचनतंत्र को कार्यशील बनता है |

  



















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